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एमपी में 26 माह में हाथियों ने 13 जान ली:महुए की गंध से गांवों में आ रहे
शहडोल – छत्तीसगढ़ बॉर्डर से शहडोल जिले के बरगामा गांव में 18 साल के सुरेश को 9 फरवरी को हाथी ने कुचलकर मार दिया था। सुरेश अपने खेत की रखवाली कर रहा था। हाथी जान लेने के 8 घंटे तक आसपास ही डटा रहा।
सुरेश को याद करते हुए उनकी मां मुन्नी पाव कहती हैं, गांव में एक रात पहले ही हाथी दिखा था, यदि वन विभाग पहले मुनादी करा देता तो आज मेरा बेटा जिंदा होता। वन अधिकारियों ने 8 लाख का मुआवजा देने का वादा किया था, पर अब तक नहीं मिला।
हाथियों के हमले में ये पहली मौत नहीं है। बीते 26 महीने में एमपी में हाथियों के हमले में 13 लोगों की मौत हो चुकी है। 100 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ बॉर्डर से सटे 8 जिलों में हाथियों के हमलों ने ग्रामीणों की जिंदगी को खौफ से भर दिया है। एमपी में हाथियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले 4 साल में वन विभाग कोई ऐसा तंत्र नहीं बना पाया, जिसके जरिए ग्रामीणों को हाथियों के आने की पुख्ता जानकारी उपलब्ध कराई जा सके।